देश और संविधान को बचाने के लिये सभी अल्पसंख्यकों और कमज़ोर वर्गाें को साथ आने का आह्वान.

सेवानिवृत्त ज़िला जज अकबर रज़ा जमषेद की अध्यक्षता में रविवार को बिहार उर्दू अकादमी में सिविल सोसाइटी बिहार तत्वाधान में देश की वर्तमान परिस्थिति में मुसलमानों समेत सभी अल्पसंख्यक एवं एस सी/एस टी और सभी कमजोर वर्गाें के संवैधानिक अधिकार की रक्षा एवं तमाम संवैधानिक संस्थानों की भूमिका के विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया.

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Nbc24 desk:-सेवानिवृत्त ज़िला जज अकबर रज़ा जमषेद की अध्यक्षता में रविवार को बिहार उर्दू अकादमी में सिविल सोसाइटी बिहार तत्वाधान में देश की वर्तमान परिस्थिति में मुसलमानों समेत सभी अल्पसंख्यक एवं एस सी/एस टी और सभी कमजोर वर्गाें के संवैधानिक अधिकार की रक्षा एवं तमाम संवैधानिक संस्थानों की भूमिका के विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसको संबोधित करते हुए सभी प्रबुद्ध विद्वानों एवं उलेमा ने कहा कि देश के सभी अल्पसंख्यक एवं कमज़ोर वर्गाें को एक साथ मिलकर देश और संविधान बचाने का प्रयास करना होगा।

देश के नव निर्माण में अपनी भागीदारी बढ़ चढ़ कर निभानी होगी। सबने कहा कि भारत में मुसलमान सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है जिसकी आबादी 20 करोड़ से अधिक है इसलिए एस सी/एस टी समेत सभी कमज़ोर वर्गाें के संवैधानिक अधिकार की रक्षा के लिये मुसलमानों को आगे बढ़ना होगा और अहम भूमिका निभानी होगी। विधान पार्षद प्रो0 गु़लाम ग़ौस ने संबोधित करते हुए कहा कि देश की चुनौतियों का मजबूती से सामना करना होगा एवं कमज़ोर वर्गाें के साथ मुसलमानों को कंधा से कंधा मिलाकर चलना होगा। मुसलमानों को अपनी सोच बदलनी होगी और फिरक़ा परस्त ताक़तों से मुकाबला  करने के लिए एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम को सही तरीके से दुनिया के सामने पेश करने में हम मुसलमान नाकाम रहे। हमको अपनी भी जिम्मेदारी ठीक से निभानी चाहिये। परिस्थितियों से घबराने की कोई जरूरत नहीं।शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन इरषाद अली आज़ाद ने कहा कि टीम लीडर के तौर पर मुसलमानों को आगे बढ़ना पड़ेगा और हिन्दुओं के साथ दोस्ताना रवैया रखना पड़ेगा। मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मौलाना डाॅ0 एजाज अहमद ने कहा कि दलितों, पिछड़ों एवं अति पिछड़ों को मुसलमान अपने साथ कर लें तो देश में कमज़ोर वर्गाें की आबादी 65 प्रतिषत से ज्यादा हो जाएगी और इतनी बड़ी ताक़त के सामने कोई कुछ ग़लत नहीं कर सकेगा।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त ए0डी0एम अब्दुल बारी ने कहा कि देष के मौजूदा हालात का मुकाबिला करने के लिए समाज के सभी वर्गाें को सम्मिलित प्रयास करना होगा। कमज़ोर वर्गो अधिकारों की रक्षा के लिए मुसलमानों को आगे आना होगा, तभी हमारी रक्षा भी सुनिष्चित हो सकेगी। सिविल सोसाइटी के कन्वेनर नसरूल होदा खान एडवोकेट ने कहा कि हालात बहुत खराब हैं मगर बिहार में हमें नितीश सरकार के द्वारा बड़ी आज़ादी हासिल है जिसको बरकरार रखने की जरूरत है और इसके लिए हम सबको संजीदगी से काम लेना पड़ेगा।

सेमिनार को पटना हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ता योगेष चन्द्र वर्मा, सीपीआई एम.एल. के कुमार परवेज़, मोमिन फ्रंट के डाॅ0 महबूब आलम अंसारी, क़ौमी तंज़ीम के मुख्य संपादक अशरफ फरीद, सिविल सोसाइटी के सेक्रेट्री ज़ियाऊल होदा, डाॅ0 खालिद अनवर, डाॅ0 अनवारूल होदा, डाॅ0 इरषादुल हक़,सरवर अजमल, मौलाना डाॅ0 अमजद रज़ा अमजद, अंजुम बारी एडवोकेट, असफर फरीदी एवं अब्दुल मनान खान एडवोकेट ने भी संबोधित किया।